पंजाब की विरासत और सभ्याचार का इतिहास बहुत ही पुराना और अमीर है। जो न केवल अगली पीढ़ी में मानवता के गुण पैदा करने में सहायक होता है, बल्कि बच्चों में सत्कार और सेवा भाव आदि गुणों का भी संचार करता है। उक्त विचार पेरागान इंटरनेशनल स्कूल, नंगल द्वारा आयोजित ‘तीज दे त्योहार’ के मौके पर वहां उपस्थित विद्यार्थियों के साथ सांझा किया। पैरागान इंटरनेशनल स्कूल के स्टाफ द्वारा तीज के त्यौहार का शानदार आयोजन किया गया। विद्यार्थियों के साथ-साथ अध्यापकों में भी तीज के त्यौहार का पूरा आनंद उठाया। स्कूल के अध्यापक श्रीमती मनप्रीत कौर, श्रीमती रमनप्रीत कोर श्रीमती प्रभजोत कौर ने बोलियों के साथ शानदार एंकरिंग करके समूह स्टाफ व विद्यार्थियों का पूरा मनोरंजन किया। कक्षा पहली और दूसरी की छात्राओं ने बहुत ही सुंदर मॉडलिंग की। कक्षा तीसरी की छात्राओं ने ‘काला डोरिया’ गाने पर डांस पेश किया। कक्षा चौथी और पांचवी के छात्राओं ने ‘कनका दी राखी’ गाने पर डांस किया। कक्षा छठी के विद्यार्थियों के द्वारा ‘तीज का संधारा’ विषय पर बहुत ही संदेश परक नाटक प्रस्तुत किया गया। सीनियर छात्राओं ने तो पूरी ही धूम डाल दी उन्होंने सिठनियां दी, टप्पे गए और गिद्दा डालकर सब का बहुत मनोरंजन किया। मंच संचालकों ने समय बांध लिया। जहां स्कूल की बच्चियों की तरफ से बोलियों के साथ गिद्दे भी डाले गए। वहीं साथ ही झूला झूलने का भी नजारा लिया गया।
कार्यक्रम के अंत में स्कूल के चेयर पर्सन श्रीमती सुमन और प्रिंसिपल श्रीमती मनजीत कौर सिद्धू ने स्टाफ द्वारा आयोजित किए गए इस पूरे कार्यक्रम की बहुत सराहना की और कहा कि यह त्योहार हमारी एकता का प्रतीक हैं। इससे पूरे समाज को आनंदपूर्वक जीवन व्यतीत करने की प्रेरणा देता हैं। यह बच्चों को लुप्त हो रहे सभ्याचार से जोड़ने का बढि़या प्रयास है। यह त्योहार चरखा कातना, तंत डालना, गलोटा करना, हाथ चक्की चलानी, मथनी फेरनी और पुराने पीतल के बर्तन जैसे कि प्याला, गड़वी, गागर आदि से बच्चों को अवगत कराता है।
